#सड़क कल गयी थी बाजार मैं ठंड से ठीठुरते लोग मन मारे दफ़्तर जा रहे थे तभी एक इंसान जमीन पर बैठा हुआ अच्छे घर से लग रहा था कभी हॅस रहा था, कभी रो रहा था लोग जा कर उसके पास पूछ रहे थे अच्छे भले तो हो क्या हुआ और वो कह गया अच्छे के साथ अच्छा कहा होता है मैं भी थोड़ी दूर पर खड़ी थी भीड़ ने उस आदमी को ढक दिया था तभी एक आदमी हॅसता हुआ उधर से आने लगा और सबको बताने लगा ये भाई लोग हम ठंड से ठीठुर रहे है ये गम में सुलग रहा.... सभी हैरान थे वो क्या कह गया..... ©Mallika #Dark