सदैवसावधान: स्यातप्राणनाशंनचिंतयेत। क्रूरकर्मा सदोद्युक्तो नि:घृणो दस्युकर्मसु।। राजा सदा सावधान रहे और प्राण की चिंता न करे क्रूर(कठोर)कर्म को करे और सदैव उद्योगी रहे,और अपराधी,चोरों के कर्म में दया न करे। शुक्र नीति✍🏽 ©Ajay Kumar Mishra शुक्र नीति