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एक बात बताओ पास मेरे अक्सर जब भी तुम आती हो अपनी इ

एक बात बताओ पास मेरे अक्सर जब भी तुम आती हो
अपनी इन सारी बातों को मुझ पर ही क्यों दोहराती हो
लड़ झगड़ कर मुझसे तुम फिर यू रोने लगे जाती हो 
चिड़-चिड़ा कर एक कोने जा कर सोने लग जाती हो 
क्या कहती हो क्या सुनती हो नही जानता क्या सहती हो
जब भी तेरी ओर देखूं लगे चंचल दरिया बहती हो #एकबात
एक बात बताओ पास मेरे अक्सर जब भी तुम आती हो
अपनी इन सारी बातों को मुझ पर ही क्यों दोहराती हो
लड़ झगड़ कर मुझसे तुम फिर यू रोने लगे जाती हो 
चिड़-चिड़ा कर एक कोने जा कर सोने लग जाती हो 
क्या कहती हो क्या सुनती हो नही जानता क्या सहती हो
जब भी तेरी ओर देखूं लगे चंचल दरिया बहती हो #एकबात