हमने अपना दिल भी उसे दिया जिसका दिल पहले से ही कहीं गिरवी पड़ा था, हमने अपना खुद भी उसे माना जिसका खुद कहीं और बस्ता था, .... मैंने अपने अंधियारे में भी चिराग उसे बनाया जिसका दिया कहीं और जलता था, कैसी झूठी उम्मीद में मैं जी रही थी न जाने... कैसी झूठी उम्मीद में मैं जी रही थी जिस समय सब था मेरे पास फिर भी... दुआ उसे बनाया था अश्क को आये मेरी गलियारों में जमाना हो गया था लेकिन ... तेरी उस झूठी उम्मीद की वजह से वो वापस आया था ... हमने अपना दिल भी उसे दिया जिसका दिल पहले से ही कहीं गिरवी पड़ा था #dil #royi #jaye...