White अब क्या बताऊं ये क्या हैं इक सपना है हिंदी में, या उर्दू में ख्वाब है, चाँद का आइना, सूरज का नक़ाब है। बारिशों की छन-छन, जैसे सितारों की सरगोशी, हवा की सरसराहट, मानो ज़ुबां पर कोई नज़्म रुकी हो। लहरों की हलचल, जैसे धड़कता हो समंदर का दिल, भँवरों की गुनगुनाहट, जैसे मौन की गहराई में छुपा एक गीत। अब क्या बताऊं ये क्या है, ये सुबह का आँचल, जिसमें रौशनी का जादू सिमटा है, ये शाम का सन्नाटा, जैसे थककर कायनात खुद को सुला रही हो। जंगलों की फुसफुसाहट, जैसे पेड़ आपस में राज़ बांट रहे हों, पहाड़ों की बुलंदी, जैसे किसी दुआ की सदा आसमान को छू गई हो। अब क्या बताऊं ये क्या है, ये बूँदें, जो धरती की प्यास बुझाकर मुस्कुराती हैं, ये मिट्टी की ख़ुशबू, जैसे कुदरत का इश्क़ ज़मीन से लिपट गया हो। ये फूलों का खिलना, जैसे हर सुबह एक नया अफ़साना लिखती हो, ये तितलियों का नृत्य, जैसे रूहानी ख़्वाबों का रंगीन कारवां। अब क्या बताऊं ये क्या है, ये बादलों का आग़ोश,जैसे किसी मां ने अपने बच्चे को छुपा लिया हो, ये झील का सुकून, जैसे किसी सूफी का दिल। कुदरत का हर रंग, हर सुर, हर अंदाज़, जैसे खुदा ने अपने दिल के सबसे गहरे कोने में हमारे लिए एक नज़्म लिख छोड़ी हो। अब क्या बताऊं ये क्या हैं राजीव@samandar speaks ©samandar Speaks #love_shayari मनीष शर्मा