क्यों हमे तोड़ रहा है ये धर्मों का आडम्बर ... क्यों इंसानियत दम तोड़ रही है मजहबी लफ़्ज़ों को सुनकर .. क्यों हम बाँटे जाते है धर्मों के तानेबाने बुनकर .. कोई भी धर्म नहीं है इंसानियत से आगे बढ़कर ... कोई भी मजहब नहीं है इंसानियत से आगे बढ़कर .. भारत माता का यह मंदिर समता का प्रतीक है एकता और अखंडता का ये द्योतक अजीज है देश हमारा सबसे पहले हमारी आन और शान है हम सब भारतवासी है यही हमारी पहचान है क्यों हमे तोड़ रहा है ये धर्मों का आडम्बर ... क्यों इंसानियत दम तोड़ रही है मजहबी लफ़्ज़ों को सुनकर .. क्यों हम बाँटे जाते है धर्मों के तानेबाने बुनकर .. कोई भी धर्म नहीं है इंसानियत से आगे बढ़कर ...