जो है इस कथा के प्राण ' उनका प्राण जानकी ! राम एक सत्य जिसका है प्रमाण जानकी !! पुण्य एक था मगर थे पुण्य के घड़े अलग ! युद्ध एक मगर दोनों ही लड़े अलग जो न थे किसी के राम~राम थे खड़े अलग जानकी के राम~राम से भी थे बड़े अलग !! इस कथा से है बड़ा अलग विधान जानकी ! राम एक सत्य जिसका है प्रमाण जानकी !! - अक्षर ©Harsh Mishra #ramayan