ना मैं कुछ कहना चाहूँ। ना मैं कुछ कह सकूँ। तुम जैसे हो, जान, हो मेरी। तुम सबको तो समझाती हो। पर खुद को ही। नहीं परख पाती। क्या करूँ? कैसे करूँ? सुझाव तो ले जाते। परन्तु अमल नहीं कर पाते। दुनिया तो बड़ी है। तुम्हें लगती है छोटी? देखा तुमने कुछ नहीं। परंतु करना सब है। मन में रखा हुआ, सपना। करना सच है। अपनी बातें किसी को न बताना। ये कहते सबसे हो। पर अपने बारे में। बरस पढ़ते हो। दुःख तो बहुत हैं। परन्तु दिखाते नहीं। जो अपना है। उसे बताने में कभी शरमाते नहीं। तुम जैसी हो? बहुत खूब हो। जान हो मेरी। मेरी प्यारी रिया दि। By divyansh prasad #my_fav_person🥰