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सूर्य गायत्री मंत्र: सूर्य देव इस संसार के सभी प्र

सूर्य गायत्री मंत्र:
सूर्य देव इस संसार के सभी प्राणियों के जीवन के श्रोत हैं. सूर्य देव के ही कारण इस संसार में जीवन का चक्र संभव हो सका है.

-ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात |

-ओम भास्कराय विधमहे दिवा कराया धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात |

-ओम आस्वादवजया विधमहे पासा हस्ताय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात |
समस्त प्रकार के रोगों से मुक्ति प्रदान करने की शक्ति इस मंत्र में हैं. 

 भैरव गायत्री मंत्र:
-ऊँ शिवगणाय विद्महे। गौरीसुताय धीमहि तन्नो भैरव प्रचोदयात।।

विष्णु सहस्रनाम:(एक हजार नाम) आज 23 से 44 नाम 
23 केशवः जिसके केश सुन्दर हों
24 पुरुषोत्तमः पुरुषों में उत्तम
25 सर्वः सर्वदा सब कुछ जानने वाला
26 शर्वः विनाशकारी या पवित्र
27 शिवः सदा शुद्ध
28 स्थाणुः स्थिर सत्य
29 भूतादिः पंच तत्वों के आधार
30 निधिरव्ययः अविनाशी निधि
31 सम्भवः अपनी इच्छा से उत्पन्न होने वाले
32 भावनः समस्त भोक्ताओं के फलों को उत्पन्न करने वाले
33 भर्ता समस्त संसार का पालन करने वाले
34 प्रभवः पंच महाभूतों को उत्पन्न करने वाले
35 प्रभुः सर्वशक्तिमान भगवान्
36 ईश्वरः जो बिना किसी के सहायता के कुछ भी कर पाए
37 स्वयम्भूः जो सबके ऊपर है और स्वयं होते हैं
38 शम्भुः भक्तों के लिए सुख की भावना की उत्पत्ति करने वाले हैं
39 आदित्यः अदिति के पुत्र (वामन)
40 पुष्कराक्षः जिनके नेत्र पुष्कर (कमल) समान हैं
41 महास्वनः अति महान स्वर या घोष वाले
42 अनादि-निधनः जिनका आदि और निधन दोनों ही नहीं हैं
43 धाता शेषनाग के रूप में विश्व को धारण करने वाले
44 विधाता कर्म और उसके फलों की रचना करने वाले

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सूर्य गायत्री मंत्र:
सूर्य देव इस संसार के सभी प्राणियों के जीवन के श्रोत हैं. सूर्य देव के ही कारण इस संसार में जीवन का चक्र संभव हो सका है.

-ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात |

-ओम भास्कराय विधमहे दिवा कराया धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात |

-ओम आस्वादवजया विधमहे पासा हस्ताय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात |
सूर्य गायत्री मंत्र:
सूर्य देव इस संसार के सभी प्राणियों के जीवन के श्रोत हैं. सूर्य देव के ही कारण इस संसार में जीवन का चक्र संभव हो सका है.

-ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात |

-ओम भास्कराय विधमहे दिवा कराया धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात |

-ओम आस्वादवजया विधमहे पासा हस्ताय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात |
समस्त प्रकार के रोगों से मुक्ति प्रदान करने की शक्ति इस मंत्र में हैं. 

 भैरव गायत्री मंत्र:
-ऊँ शिवगणाय विद्महे। गौरीसुताय धीमहि तन्नो भैरव प्रचोदयात।।

विष्णु सहस्रनाम:(एक हजार नाम) आज 23 से 44 नाम 
23 केशवः जिसके केश सुन्दर हों
24 पुरुषोत्तमः पुरुषों में उत्तम
25 सर्वः सर्वदा सब कुछ जानने वाला
26 शर्वः विनाशकारी या पवित्र
27 शिवः सदा शुद्ध
28 स्थाणुः स्थिर सत्य
29 भूतादिः पंच तत्वों के आधार
30 निधिरव्ययः अविनाशी निधि
31 सम्भवः अपनी इच्छा से उत्पन्न होने वाले
32 भावनः समस्त भोक्ताओं के फलों को उत्पन्न करने वाले
33 भर्ता समस्त संसार का पालन करने वाले
34 प्रभवः पंच महाभूतों को उत्पन्न करने वाले
35 प्रभुः सर्वशक्तिमान भगवान्
36 ईश्वरः जो बिना किसी के सहायता के कुछ भी कर पाए
37 स्वयम्भूः जो सबके ऊपर है और स्वयं होते हैं
38 शम्भुः भक्तों के लिए सुख की भावना की उत्पत्ति करने वाले हैं
39 आदित्यः अदिति के पुत्र (वामन)
40 पुष्कराक्षः जिनके नेत्र पुष्कर (कमल) समान हैं
41 महास्वनः अति महान स्वर या घोष वाले
42 अनादि-निधनः जिनका आदि और निधन दोनों ही नहीं हैं
43 धाता शेषनाग के रूप में विश्व को धारण करने वाले
44 विधाता कर्म और उसके फलों की रचना करने वाले

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सूर्य गायत्री मंत्र:
सूर्य देव इस संसार के सभी प्राणियों के जीवन के श्रोत हैं. सूर्य देव के ही कारण इस संसार में जीवन का चक्र संभव हो सका है.

-ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात |

-ओम भास्कराय विधमहे दिवा कराया धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात |

-ओम आस्वादवजया विधमहे पासा हस्ताय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात |