धूल फांकी ज़मीन की तब्दील हुआ ख़ाक में, जिस्म मिला अंगार से धुआँ उठा आकाश में.... दिन ढलता ही गया रात भी जाती रही, ये ज़िंदगी गुजर गई मौत भी आती रही.... मौत आई और बोली बैठ मेरे पास में, क्यूँ मचलता फिर रहा सुकून की तलाश में.... #NojotoQuote #सुकून_की_तलाश_में #सुकून