क्यों ना फिर थोड़ा थोड़ा ही हर चीज में शामिल हुए थोड़ा बिगड़े थोड़ा झगड़े
थोड़ा सुधरे थोड़ा संभले,,,,
गलतियां हमको सिखाती हैं संभालती हैं हमें महसूस कराती हैं
ज्यादा सुधरे हुए इंसानों को देखकर आकर्षित मत हो जाओ
जो जितना बिगड़ा है महसूस हो जाने में वह उतना ही सुधर जाता है,,,
जैसे वाल्मीकि हो गए ,,,,,
उंगली मार डाकू है,,,, #ईश्वरभक्तिभावना#भगवान_पे_भरोसा