अपनी ग़ज़लों के शब्दों में मुझे पिरोने का वादा किया था, उन वादों पर जमी धूल हटाना भूल भी गये तो कोई गीला नही, शौक से भूल जाओ गर मुझे तुम भूल रहे हो...... मुझे भूलाने का मन में अपने कोई मलाल मत रखना, इत्मिनान से भूलना मुझे गर तुम भूल रहे हो........ सपने मेरे रकीब के शायद सजा रहे हो तुम,मुझे कोई शिकायत नहीं,बेझिझक भूला दो मुझे गर तुम भूल रहे हो........ @-Chanchal Chaturvedi #भूल_रहे_हो #Chanchal_mann #Hindi #Poetry #Nojoto #hindinojoto #Life #expression #Emotion #Hopeless