शीर्षक-चाहत नही चाहती की कोई चाँद-तारे तोङकर लायें मेरे लिए बस चाहिए तो वो हाथ जो साथ निभाये उम्र भर बिना किसी शर्त के नही चाहती की कोई मजनू बन जाये मेरे लिए बस चाहिए तो इतना जब मेरा हुआ हो तब उसका वफा-ए-इश्क़ हो सिर्फ मेरेलिए नही चाहती की मेरे नखरे उठाये कोई बस चाहिए तो इतना की मेरे मान-सम्मान की धज्जियां न कोई उङाये ©ekta #चाहत #हसरत #FutureHusband #sunkissed