ये शराबी होंठ तेरे या शराबी होंठ मेरे ये मुहाना उस नदी का मादक है जो मदिरा से भी रे हर छलकते शब्द इसके चढ़ते मुझपे जाम बनके ताक में हूं लोट पाऊं मैं कभी ये होठ पाऊं पीके ये अमृत सी बोतल सत्य सारा जान जाऊं की शराबी होंठ मेरे और शराब है होंठ तेरे ©दीपेश #लब #शराबी #होंठों