पहले मैं लफ़्ज़ों का लिहाज़ किया करतीं थीं, बंद कमरे में ख़ुद से नक़ाब किया करतीं थीं, अब परवाह नहीं मुझे उसकी, क्योंकी मैं बहुत कुछ यूं हीं सहा करतीं थीं..... ©Diksha Yadav #girl#Readme@Ankahiawaaz#dikshayadav#