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जिम्मेदारियों की गिरफ्त बढ़ी तो रिश्तों की गिरहें उ

जिम्मेदारियों की गिरफ्त बढ़ी तो
रिश्तों की गिरहें उघड़ने लगी हैं

रात को संभाला कितने जतन से
पर अब तो सुबहें बिगड़ने लगी हैं

जिस रानाई का खौफ था हमें
वही अब आँखों में उतरने लगी है

बाँध लेता था जिस बाँहों में तुझे
वो आगोश बेहद सुलगने लगी है

जो दावे थे साथ जीने-मरने के
कदम दर कदम मुकरने लगी है #NojotoQuote जिंदगी का एक पहलू 
#ND
जिम्मेदारियों की गिरफ्त बढ़ी तो
रिश्तों की गिरहें उघड़ने लगी हैं

रात को संभाला कितने जतन से
पर अब तो सुबहें बिगड़ने लगी हैं

जिस रानाई का खौफ था हमें
वही अब आँखों में उतरने लगी है

बाँध लेता था जिस बाँहों में तुझे
वो आगोश बेहद सुलगने लगी है

जो दावे थे साथ जीने-मरने के
कदम दर कदम मुकरने लगी है #NojotoQuote जिंदगी का एक पहलू 
#ND
navinsharma6687

Navin Sharma

New Creator

जिंदगी का एक पहलू #nd