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हर जख्म पर नमक छिड़का उसने, हर गम में वजह बनी दुख

हर जख्म पर नमक छिड़का उसने,
हर गम में वजह बनी दुख की वह,
छीनने को दौड़ी वह खुशियां सारी,
मैंने झट से छोड़ा उसे और
दिया ध्यान अपने काम पर।

©Hasko Jaggara हर जख्म पर नमक छिड़का उसने,

हर गम में वजह बनी दुख की वह,

छीनने को दौड़ी वह खुशियां सारी,

मैंने झट से छोड़ा उसे और 
हर जख्म पर नमक छिड़का उसने,
हर गम में वजह बनी दुख की वह,
छीनने को दौड़ी वह खुशियां सारी,
मैंने झट से छोड़ा उसे और
दिया ध्यान अपने काम पर।

©Hasko Jaggara हर जख्म पर नमक छिड़का उसने,

हर गम में वजह बनी दुख की वह,

छीनने को दौड़ी वह खुशियां सारी,

मैंने झट से छोड़ा उसे और