हर जख्म पर नमक छिड़का उसने, हर गम में वजह बनी दुख की वह, छीनने को दौड़ी वह खुशियां सारी, मैंने झट से छोड़ा उसे और दिया ध्यान अपने काम पर। ©Hasko Jaggara हर जख्म पर नमक छिड़का उसने, हर गम में वजह बनी दुख की वह, छीनने को दौड़ी वह खुशियां सारी, मैंने झट से छोड़ा उसे और