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झांसी कमिश्नर कोर्ट ने राजस्व और आर्म्स एक्ट के 2

झांसी कमिश्नर कोर्ट ने राजस्व और आर्म्स एक्ट के 2 प्रकरणों के निर्णय संस्कृत में सुना कर गर्व अनुभूति ही कराई है आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश में पहली बार किसी राजस्व न्यायालय ने देववाणी में फैसला दिया है अब तक लघु प्रकृति के वादों के निर्णय उर्दू अंग्रेजी और हिंदी में ही सुनाए जाते थे जहां सीने मंडल आयुक्त डॉ अजय शंकर पांडे ने यह माता थोड़ा और संस्कृत में निर्णय ही नहीं सुनाया बल्कि हिंदी में अर्थ बताएं इससे अधिक वक्ताओं को थोड़ी हैरानी भले ही हुई लेकिन सभी ने इनका सारा नाही किया अदालत ने फैसले का हिंदी रूपांतरण भी फाइल में रखवा दिया है ताकि संस्कृत में लिखा ना समझ आए तो उसके उपयोग कर ले संस्कृत में निर्णय सुनने के पीछे देव भाषा के प्रति अनुराग पैदा करना ही है पूर्व में ऐसे प्रयोग इलाहाबाद हाईकोर्ट के कई न्यायमूर्ति ने भी किए हैं बहू दाल लोग संस्कृत में को कठिन और धार्मिक कर्मकांड की भाषा मान लेते हैं उच्च शिक्षा और शोध में विद्यार्थियों की अरुचि के पीछे भी इसी तरह के तर्क गिनते जाते हैं यद्यपि संस्कृत विश्व के इकलौती ऐसी भाषा है जिसमें तकनीकी कंप्यूटर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है यह सी बोली जाती है वैसी लिखी जाती है यह समान उच्चारण वाले शब्द के अर्थ नहीं बल्कि समान ही होते हैं कई अफसर मोल नहीं होता प्रदेश में संस्कृत की प्रस्तोता स्थापित करने के लिए गैर शासकीय विद्यालयों में संस्कृत शिक्षकों की बड़े पैमाने पर नियुक्ति की गई है यह शिक्षक बच्चों को प्राथमिक स्तर से देववाणी की खूबियों से अभी संचित करेंगे यह नहीं जो धार्मिक पीठ अपने ही संस्कृत पीठ की स्थापना कराती है उसे भी सरकारी मदद मिलती है राज्य सूचना विभाग अब संस्कृत में भी प्रेस नोट जारी करता है पहले सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी उर्दू में ही प्रेस नोट जारी किए जाते थे संस्कृत जैसी वैज्ञानिक भाषा लोक व्यवहार में पुणे प्रसन्नता आशकी जब उसके जरिए रोजगार सरकार और समृद्धि के मार्ग पर करेगी

©Ek villain # देववाणी की जय

#worldhindiday
झांसी कमिश्नर कोर्ट ने राजस्व और आर्म्स एक्ट के 2 प्रकरणों के निर्णय संस्कृत में सुना कर गर्व अनुभूति ही कराई है आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश में पहली बार किसी राजस्व न्यायालय ने देववाणी में फैसला दिया है अब तक लघु प्रकृति के वादों के निर्णय उर्दू अंग्रेजी और हिंदी में ही सुनाए जाते थे जहां सीने मंडल आयुक्त डॉ अजय शंकर पांडे ने यह माता थोड़ा और संस्कृत में निर्णय ही नहीं सुनाया बल्कि हिंदी में अर्थ बताएं इससे अधिक वक्ताओं को थोड़ी हैरानी भले ही हुई लेकिन सभी ने इनका सारा नाही किया अदालत ने फैसले का हिंदी रूपांतरण भी फाइल में रखवा दिया है ताकि संस्कृत में लिखा ना समझ आए तो उसके उपयोग कर ले संस्कृत में निर्णय सुनने के पीछे देव भाषा के प्रति अनुराग पैदा करना ही है पूर्व में ऐसे प्रयोग इलाहाबाद हाईकोर्ट के कई न्यायमूर्ति ने भी किए हैं बहू दाल लोग संस्कृत में को कठिन और धार्मिक कर्मकांड की भाषा मान लेते हैं उच्च शिक्षा और शोध में विद्यार्थियों की अरुचि के पीछे भी इसी तरह के तर्क गिनते जाते हैं यद्यपि संस्कृत विश्व के इकलौती ऐसी भाषा है जिसमें तकनीकी कंप्यूटर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है यह सी बोली जाती है वैसी लिखी जाती है यह समान उच्चारण वाले शब्द के अर्थ नहीं बल्कि समान ही होते हैं कई अफसर मोल नहीं होता प्रदेश में संस्कृत की प्रस्तोता स्थापित करने के लिए गैर शासकीय विद्यालयों में संस्कृत शिक्षकों की बड़े पैमाने पर नियुक्ति की गई है यह शिक्षक बच्चों को प्राथमिक स्तर से देववाणी की खूबियों से अभी संचित करेंगे यह नहीं जो धार्मिक पीठ अपने ही संस्कृत पीठ की स्थापना कराती है उसे भी सरकारी मदद मिलती है राज्य सूचना विभाग अब संस्कृत में भी प्रेस नोट जारी करता है पहले सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी उर्दू में ही प्रेस नोट जारी किए जाते थे संस्कृत जैसी वैज्ञानिक भाषा लोक व्यवहार में पुणे प्रसन्नता आशकी जब उसके जरिए रोजगार सरकार और समृद्धि के मार्ग पर करेगी

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