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डबडबा आई है आंखें, फलक के उस पार से, भर गया है मन

डबडबा आई है आंखें,
फलक के उस पार से,
भर गया है मन प्रकृति का,
मानव के व्यवहार से।।

मानव तेरे प्रयोग से ,
मानव तेरे अनुप्रयोग से,
मानव तेरे उपयोग से,
रौंध गया है कंठ ,
 हथिनी के चीत्कार से।।
,

संभले.......


।
संभाले.........

विश्व पर्यावरण दिवस पर.......

आओ प्रकृति की ओर लौटे........

प्रमोद पंडित धोनी अमेठी उत्तर प्रदेश #संभले और संभाले
डबडबा आई है आंखें,
फलक के उस पार से,
भर गया है मन प्रकृति का,
मानव के व्यवहार से।।

मानव तेरे प्रयोग से ,
मानव तेरे अनुप्रयोग से,
मानव तेरे उपयोग से,
रौंध गया है कंठ ,
 हथिनी के चीत्कार से।।
,

संभले.......


।
संभाले.........

विश्व पर्यावरण दिवस पर.......

आओ प्रकृति की ओर लौटे........

प्रमोद पंडित धोनी अमेठी उत्तर प्रदेश #संभले और संभाले

#संभले और संभाले