कदमो की चुभन चलने नही देती।। जख्मों से पाई निजात,रोने नही देती।। उम्र में छोटे थे,बड़ी थी जिम्मेवारियां कँधों पर आई जिम्मेवारी,अब सोने नही देती।। -@कवि प्रेमसागर कदमो की चुभन चलने नही देती।। जख्मों से पाई निजात,रोने नही देती।। उम्र में छोटे थे,बड़ी थी जिम्मेवारियां कँधों पर आई जिम्मेवारी,अब सोने नही देती।। -@कवि प्रेमसागर