पुरानी यादें आज भी, पुरानी यादों ने आज भी रोने को मजबूर कर दिया मोहबत के जजीरे को समंदर से दूर कर दिया क्या जख्म दिखाए अब किसी ओर को देखने वालो ने ज्ख्मो को नसूर कर दिया उसकी सादगी उसे हमारे पास ले कर आयी अमीरी ने तो उसे मगरूर कर दिया इक वख्त था जब कोई उसे इन्सानो मे भी ना गिन्ता था मेरी जी हजूरी ने उसे हाजरे हजूर कर दिया #पुरानी यादें आज भी (Meer) Musher Ali