तू जब अकेला ही आया है इस दुनियाँ के मेले में तो, तुझको अकेले ही अपना ये सफर तय करना होगा। जिंदगी तेरे हिस्से में खुशियांँ ही दे ये जरूरी तो नहीं, गमों को भी तुझको अपनी जिंदगी में झेलना होगा। बिना मेहनत के यहांँ किसी को कुछ भी नहीं मिलता, जिंदगी तेरी है तो तुझको ही इसे संँवारना भी होगा। हर मोड़ पर ही ये जिंदगी तेरा इम्तिहान लेती रहेगी, जिंदगी एक सफर है, सुहाना तुझे ही बनाना होगा। दूसरा तेरी मंँजिल की केवल राह ही बता सकता है, अपनी मंजिल तक तुझको अकेले ही बढ़ना होगा। कोई भी तेरे साथ इस दुनियाँ से नहीं जा सकता है, आखिरी सफ़र पर भी तुझे अकेले ही जाना होगा। Collab challenge - 5 ➡️ पंक्तिया - 3 - 5 ➡️ समय सीमा - 9 am ( 11 June 2021 ) 👉 इस पोस्ट को हाईलाइट करना ना भूले 👉 इस पोस्ट को लाइक करे 👉 समय सीमा के अंदर रचना प्रस्तुत करें 👉 रचना को पूरा करने के बाद कमेंट बॉक्स में Done कम्मेंट करे वरना आपकी रचना मान्य नहीं होगी