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महफिलें हैं अधूरी, शायरों के बिना दिल अधूरा सा है

 महफिलें हैं अधूरी, शायरों के बिना
दिल अधूरा सा है, दिलबरों के बिना
फूल जैसे अधूरा है खुशबू के बिन
ज़िंदगी है अधूरी, "दोस्तों" के बिना

है अधूरा सफ़र, रास्तों के बिना
है अधूरा सा घर,वास्तों के बिना
मनोरंजन के साधन बहुत हैं मगर
है अधूरा शहर, दोस्तों के बिना

--प्रशान्त मिश्रा #"दोस्तों के बिना"
 महफिलें हैं अधूरी, शायरों के बिना
दिल अधूरा सा है, दिलबरों के बिना
फूल जैसे अधूरा है खुशबू के बिन
ज़िंदगी है अधूरी, "दोस्तों" के बिना

है अधूरा सफ़र, रास्तों के बिना
है अधूरा सा घर,वास्तों के बिना
मनोरंजन के साधन बहुत हैं मगर
है अधूरा शहर, दोस्तों के बिना

--प्रशान्त मिश्रा #"दोस्तों के बिना"