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करता है संघर्ष बहुत फिर भी आह न लेता है। हो गीत कै

करता है संघर्ष बहुत
फिर भी आह न लेता है।
हो गीत कैसा भी 
वो गुनगुना लेता है।
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।

खड़े होकर चौराहों पे
वो अपनी ड्यूटी निभाता है।
कितना भी हो मुश्किल जीवन
शिकन नहीं माथे तक आता है।
हर परिस्थिति में खुद को जमा लेता है
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।

भीगी पलकों पे भी कुछ सपने होते हैं।
पास होकर भी दूर अपने होते हैं।
मिल पता है महीनों बाद अपनों से ही
फिर भी वो सबको मना लेता है।
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।

पूछे जब कोई हाल ए दिल।
तो बोलते हम है एकदम चिल।
किसी अपने को न हो जाए चिंता
वो सारे दर्द भी छुपा लेता है।
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।

ड्यूटी हो कहीं भी हर वक्त है तैयार।
दुश्मन हो कोई नहीं करता पीठ पे वार।
हर वक्त वो रहता है ड्यूटी पर तैनात।
कैसा भी हो काम हर फर्ज़ वो निभा लेता है।
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।

मिल जाए कभी छुट्टी अगर
अपनो के पास वो जाता है।
थोड़ा घूम टहल कर वो अपने ग़म भुलाता है।
छुट्टी जाते देर नहीं एक पल में जाते बीत वो दिन
निभाना है ड्यूटी का फर्ज़ ये बात वो कह चल देता है।
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।। एक सिपाही ✍️

करता है संघर्ष बहुत
फिर भी आह न लेता है।
हो गीत कैसा भी 
वो गुनगुना लेता है।
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।
करता है संघर्ष बहुत
फिर भी आह न लेता है।
हो गीत कैसा भी 
वो गुनगुना लेता है।
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।

खड़े होकर चौराहों पे
वो अपनी ड्यूटी निभाता है।
कितना भी हो मुश्किल जीवन
शिकन नहीं माथे तक आता है।
हर परिस्थिति में खुद को जमा लेता है
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।

भीगी पलकों पे भी कुछ सपने होते हैं।
पास होकर भी दूर अपने होते हैं।
मिल पता है महीनों बाद अपनों से ही
फिर भी वो सबको मना लेता है।
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।

पूछे जब कोई हाल ए दिल।
तो बोलते हम है एकदम चिल।
किसी अपने को न हो जाए चिंता
वो सारे दर्द भी छुपा लेता है।
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।

ड्यूटी हो कहीं भी हर वक्त है तैयार।
दुश्मन हो कोई नहीं करता पीठ पे वार।
हर वक्त वो रहता है ड्यूटी पर तैनात।
कैसा भी हो काम हर फर्ज़ वो निभा लेता है।
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।

मिल जाए कभी छुट्टी अगर
अपनो के पास वो जाता है।
थोड़ा घूम टहल कर वो अपने ग़म भुलाता है।
छुट्टी जाते देर नहीं एक पल में जाते बीत वो दिन
निभाना है ड्यूटी का फर्ज़ ये बात वो कह चल देता है।
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।। एक सिपाही ✍️

करता है संघर्ष बहुत
फिर भी आह न लेता है।
हो गीत कैसा भी 
वो गुनगुना लेता है।
वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।