खुद ही खुद मे बैठे बेकार हो गए! लोग और ये शब्द! अरे! तो क्या तुम तबाह हो गये? दुनिया सही है! तुम्हीं हो ज़ज्बात! अपनों का बोझ, तो कहीं थकान हो गये, खामोश आशु और हसी हर शब्द पर हम मज़ाक में आये और मज़ाक हो गए! ©Shripnya Pandey follow me on Instagram @shripnya_pandey #originalpoem #poem #indorewriters #hindipoem#indorepoem#originalpoetry #nojotonew