हम न रहे यहां तो कोई गम नहीं तेरा मुस्कुराना तो होगा ही जीत न सकी ख़ुद के अभी आंसुओं से पहले से दर्द थोड़ा कम नहीं रहती थी तेरे दिल में आशियां बनाके उस आशियां में उजाला भी नहीं फ़िक्र तो मुझे तेरी अभी भी है पर अब दूरियां भी कम नहीं तेरा ज़िक्र मेरे लबों पर होती है कुछ पल या यूं कहूं ख़ैर तुझे आवाज़ देती रही पर तुम सुने नहीं तुम्हें तो दूरियां बढ़ानी थी अब यहां रहने का कोई मतलब नही दुआ फ़रियाद किया करती थीं हर रोज़ खुदा से सारी खुशियां तुम्हें मिले डूब गई ख़ुद के नज़रों में अब इन दर्दों पर कोई मरहम नहीं हम न रहे यहां तो कोई गम नहीं तेरा मुस्कुराना तो होगा ही Last qoute ,,,,,,,,,🤗🤗🤗🤗 ****************************************** वक़्त मिलेगा तो हम फिर आएंगे आप सब के बीच फिलहाल के लिए ((((( अलविदा )))) ........❤️❤️