तुम और बातें तुम्हारी कितनी याद आती हैं-2 कुछ पल बिताये जहा साथ वहां की खुस्बुयें याद आती हैं आज भी कर्ता होगा इन्तजार वह स्थान जहाँ बैठ कर सपने सजाये थे पर तुम और तुम्हारी बाते कम्बक्त दोनो ही वफा ना कर सकी तुम भी अधुरी तुम्हारी बाते भी अधुरी दिल रोता है