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मैं औरों सा सूरज का मोहताज़ नहीं वो मुस्कुराये तो

मैं औरों सा 
सूरज का मोहताज़ नहीं
वो मुस्कुराये तो 
दिन निकलता हैं
वो पलकें झुकाए तो 
शाम ढल जाती है। #kavikumarashok #poetofvaranasi #love #poem #kumar #poetofindia
मैं औरों सा 
सूरज का मोहताज़ नहीं
वो मुस्कुराये तो 
दिन निकलता हैं
वो पलकें झुकाए तो 
शाम ढल जाती है। #kavikumarashok #poetofvaranasi #love #poem #kumar #poetofindia