तुम्हारे इश्क़ के रंग में रंगना चाहती हूँ हाँ, तुमसे प्यार मै निभाना चाहती हूँ । मेरे शब्द खामोशी को छेड़ा करते है और धड़कनें हाले-ए-दिल बयाँ करती है ऐसे में --- सुकून मै पाना चाहती हूँ हाँ, तुमसे प्यार मै निभाना चाहती हूँ । जिंदगी अभितक तन्हाईयों में गुजरी है आरज़ू मेरी अब तुम्ही तक आके सिमटी है तुम्हारे संग ये सफ़र बिताना चाहती हूँ हाँ, तुमसे प्यार मै निभाना चाहती हूँ । तुमसे दूरियाँ मुझे अब गवारा नही है हाल मेरा सही---- क्या तुम्हारा नही है ? दिल के कश्मकश सुलझाना चाहती हूँ हाँ, तुमसे प्यार मै निभाना चाहती हूँ । कुछ कहे जमाना उन्हें कहने का हक है अब जीना मरना तो तुम्हारे ही संग है होके सन्मुख मै जमाने से कहती हूँ हाँ, तुमसे प्यार मै निभाना चाहती हूँ । #ishk #nibhaana #rang #pyar