हमें अपने तकिये से प्यार बहुत हैं देखा ज़माने में बेवफ़ा यार बहुत हैं मोहब्बत करता नहीं कोई यहाँ अब इन्हें दिन आशिक़ी के चार बहुत हैं ©MAHI MUNTAZIR #मोहब्बत #तकिया #प्यार #Books