क्यूं मैं इतना बेचैन हुआ जाता हूं हर दिन खुद को खुद से दूर खड़ा पाता हूं । तन्हाइयों में जब खुद से जिरह करता हूं तब तेरी यादों की कहानी बुने जाता हूं ।। इस क़दर रहती है मेरे लबों पे तेरी बातें हर वक़्त उन्हीं बातों से कोई गीत लिखे जाता हूं ।। आवाज़ गूंजती है तेरी, मेरे दिल की वादियों में कहीं उन्हीं आवाज़ के सहारे, मैं संगीत संजोए जाता हूं ।। ख्यालों में सजी रहती है तेरी महफ़िल उस महफ़िल में उम्र तमाम जिए जाता हूं ।। हकीकत में, इक हसीन सा ख्वाब है ज़िन्दगी उस ख्वाब में भी सच - झूठ का फर्क किए जाता हूं ।। चाहत थी कायम रहे मुहब्बत का जहां हमेशा इस चाहत को कहीं अब दिल में दफ़न किए जाता हूं #Gopal #A note to the self