तुम्हें तलाशने वाले पहोंच ही जाएंगे एक रोज़ मेरी लिखावट तक तुम ख़ुद भी हैरां होगे ख़ुद को ख़ुद से ज़्यादा पाकर उसके पहले हर्फ़ से लेकर उसके आख़री नुक़्ते तक Musings - 31/3/19