कुछ पुरानी यादों में छुपी हुई है ख़ुशियाँ। होली के रंग हैं दीवाली की फुलझड़ियाँ। कही बचपन के खेल खिलौने गुड्डे गुड़िया। कभी हम बन जाते थे आफ़त की पुड़िया। कुछ यादों से दिल के जख्म हरे हो जाते है। अपनों के तंज पुराने अक्सर हमे रुलाते हैं। कभी किसी का बिछड़ना बहुत अखरता है। जब अपने दिल पर अपना जोर नहीं चलता है। इन यादों के संग रहना क्यों है इतना दर्द भरा? लौट कर न आने वाला वक़्त क्यों था उम्मीद भरा? #cwpowrimo #CWPOWRIMO24 #cascadewriters #क़िर्तास_ए_ज़ीस्त Cascade Writers