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बूँदों की तरह गिरना आदत थी इसलिए हस्ते रहे लोग मु

बूँदों की तरह गिरना आदत थी 
इसलिए हस्ते रहे लोग मुझपर  
गल्तीया करते रहे बादल हर साल 
दर्द सहा बूँदों ने उसे अपना कहकर  dard e barish
बूँदों की तरह गिरना आदत थी 
इसलिए हस्ते रहे लोग मुझपर  
गल्तीया करते रहे बादल हर साल 
दर्द सहा बूँदों ने उसे अपना कहकर  dard e barish