हम दिनभर मुस्कुराते हैं, कुछ दर्द छिपाने के लिए, कुछ खुशियाँ भूल जाते हैं, खुशियाँ बचाने के लिए, कायम है ये सदियों से, दस्तूर जमाने का "मतवाला", कुछ ग़म नए मिलते हैं, कुछ पुराने भुलाने के लिए..!! हाँ नए #ग़म जो मिलते हैं न बस वही तो पुराने ग़मों की दवा हैं.....!!! #udquotes #yqhindi #दर्द #खुशियाँ #दस्तूर #मतवाला