🎇अनुभूति के आंगन से🎇 ♥️कुछ स्पंदन♥️ एक लड़की . कभी सिमटी सी कभी सहमी सी.. कभी करुण कातर हिरनी सी तो कभी निडर सिंहनी सी बाहर खामोश.... शांत स्थिर गहरी झील सी.... और समेटे रहती है भीतर एक तूफान अनवरत उमड़ती भावनाओं का....। 👁️🌹🌹👁️ अनुशीर्षक में निरंतर 🌹 👁️ 🌹 ♥️ ✍️✍️✍️✍️✍️✍️ 👁️👁️👁️👁️👁️ 🎇अनुभूति के आंगन से🎇 ♥️कुछ स्पंद♥️