एक वो दौर था मयख़ाने में रौनक-ए-जहां ढूंढते थे 'तरंग', एक ये दौर है देखकर मयख़ाने दिल बेज़ार हो जाता है l ..... सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग' कुछ अनकही सी......