अरु ने यू कहा बाबा घनी दियो ठाणा,लाज हर की राखी। हरी को हर ।तो मारो भी तू रखोगो। जीत पक्की होवे। बाबा तो थारे दरबार । हजारी लगाडू,बाबा थारा नाम से ध्वज फराऊ। फकीरों के फकीर ही मेरे बाबा लकीरों का लकीर है मेरे बाबा। हर बार हरा है। हरा को हराकर जीत जितावता ही मेरे बाबा। श्याम दीवाना बहुत देखा। मारी भी फकीरों को लकीर। लिखने वाला श्याम।अब तो मारी बाजी।सुन ले जे। हार रहा है अरु दास। धान्य रख ली जो। जय बाबा श्याम। © pk Arun Kumare Daware बहुत सुना देती है बाबा श्याम के दीवाने #God