तारों की ओढ़नी लिए, बादलों के पहरे में,बैठा चांद ऐसा मानो, हुस्न की राखी में सजय हो। नज़र ना लगे इन लम्हों को, तुम नज़र उतार लेना, चुपके से मिलने आना मुझसे और हां पायल ज़रूर उतार लेना। 🌝प्रतियोगिता-40 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"पूनम की रात"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I