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प्यार की कहानी आज अकस्मात् जब यूं ही फ़ोन के कॉन्ट

प्यार की कहानी
आज अकस्मात् जब यूं ही फ़ोन के कॉन्टेक्ट्स चेक कर रहा था तभी अचानक तुम्हारे नाम पर मेरी थिरकती हुई उंगलियां रुक-सी गयीं दिल की धड़कनों के साथ... तुम्हारा नंबर आज भी सेव्ड है मेरे फ़ोन लिस्ट में, कभी-कभी देखकर दिल को सुकून से भरने देता हूँ...
 दर्द बढ़ता ही जाता था तुम्हें सिर्फ तस्वीर में देखकर, तुम्हारा पास न होना बहुत कचोटता है मुझे
कल ही मैंने तुम्हारा फेसबुक टाइमलाइन चेक किया था ख़ुद से बचाकर, तुम्हारी हर पोस्ट के कमेंट्स पढे थे मैंने, न जाने कितनों ने तारीफ़ में न जाने क्या-क्या लिख़ रखा था… ग़ुरूर सा हो रहा था अपनी पसन्द पर; डर था तुम्हारे भोलेपन पर और जलन सी भी हो रही थी... मगर तसल्ली सी है की तुम्हारी आदत आज भी वैसी ही, ठीक वैसी जैसे पहले थी.... ”किसी को भाव नहीं देती तुम… किसी को भी नहीं ।
प्यार की कहानी
आज अकस्मात् जब यूं ही फ़ोन के कॉन्टेक्ट्स चेक कर रहा था तभी अचानक तुम्हारे नाम पर मेरी थिरकती हुई उंगलियां रुक-सी गयीं दिल की धड़कनों के साथ... तुम्हारा नंबर आज भी सेव्ड है मेरे फ़ोन लिस्ट में, कभी-कभी देखकर दिल को सुकून से भरने देता हूँ...
 दर्द बढ़ता ही जाता था तुम्हें सिर्फ तस्वीर में देखकर, तुम्हारा पास न होना बहुत कचोटता है मुझे
कल ही मैंने तुम्हारा फेसबुक टाइमलाइन चेक किया था ख़ुद से बचाकर, तुम्हारी हर पोस्ट के कमेंट्स पढे थे मैंने, न जाने कितनों ने तारीफ़ में न जाने क्या-क्या लिख़ रखा था… ग़ुरूर सा हो रहा था अपनी पसन्द पर; डर था तुम्हारे भोलेपन पर और जलन सी भी हो रही थी... मगर तसल्ली सी है की तुम्हारी आदत आज भी वैसी ही, ठीक वैसी जैसे पहले थी.... ”किसी को भाव नहीं देती तुम… किसी को भी नहीं ।