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White मन का पंछी। कभी यहां तो कभी वहां।। क्या ठहरन

White मन का पंछी।
कभी यहां तो कभी वहां।।
क्या ठहरना इसका काफ़ी है।
अभी किया ही क्या है इस देश के लोगो के लिए हमने अभी तो हमारी बारी बाकी है।।

©ASPA QURESHI
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ASPA QURESHI

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Thoughts #Poetry

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