Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं ही हूं जो जिम्मेदार खुद मेरी हश्र का । तो फिर

मैं ही हूं जो जिम्मेदार खुद मेरी हश्र का ।
तो फिर शिकवा क्या शिकायत क्या ? 
जो चाहता नहीं था हो कभी, फिर हो गया ।
अब इस बात से परहेज़ क्या, इनायत क्या ? 

फिलहाल थोड़ी देर ठहरना ही मुनासिब है ।
इस महरूम दिल की खैरियत के लिए ।
जो किया कराया है वो मेरा ही कसूर है । 
फूल से चेहरे से रुस्वाईयत क्या, शिकायत क्या ?

©"Vibharshi" Ranjesh Singh heartbreak
मैं ही हूं जो जिम्मेदार खुद मेरी हश्र का ।
तो फिर शिकवा क्या शिकायत क्या ? 
जो चाहता नहीं था हो कभी, फिर हो गया ।
अब इस बात से परहेज़ क्या, इनायत क्या ? 

फिलहाल थोड़ी देर ठहरना ही मुनासिब है ।
इस महरूम दिल की खैरियत के लिए ।
जो किया कराया है वो मेरा ही कसूर है । 
फूल से चेहरे से रुस्वाईयत क्या, शिकायत क्या ?

©"Vibharshi" Ranjesh Singh heartbreak