तुम्हारे ख्वाब लिखकर हम रोज याद करते हैं , तन्हा रातों में ही सही मगर तेरी फरियाद करते हैं , और सोचते हैं, ए समा जरा ठहर जा कहीं ना कहीं आज भी हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं। तुम्हारे ख्वाब लिखकर