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"आँखे खोलो न्याय की देवी मानवता शर्मिंदा है, जो इन

"आँखे खोलो न्याय की देवी मानवता शर्मिंदा है,
जो इन्सान दरिन्दा है वो अब तक कैसे जिंदा है।" #SaveDaughters
"आँखे खोलो न्याय की देवी मानवता शर्मिंदा है,
जो इन्सान दरिन्दा है वो अब तक कैसे जिंदा है।" #SaveDaughters