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मैंने जिससे हर लम्हा मिलने की ख्वाहिश की, राह चलते

मैंने जिससे हर लम्हा मिलने की ख्वाहिश की, राह चलते अचानक एक दिन वो मुझे मिल गया। आंखों ने किया सिकवा , होंठ मगर चुप ही रहे। ना चाहते हुए भी ये कदम दो पल के लिए रूक गये, सदियों का फासला पल में मिट गया।उसकी आंखों में भी गजब की चमक आ गई, देखकर हमारा मुरझाया दिल खिल गया। जाने क्यूं फिर से वही जज़्बात उमड़ आए, सारा दुःख पल के लिए मिट गया।काश,ये पल ठहर जाते सदा के लिए, बस यही ख्याल आता रहा। हम जिन्हें भूलाने का हर सम्भव प्रयास करते रहे वो लम्हें तस्वीर बनकर एक एक कर आ गये।

©Nilam Agarwalla #तुमसे_मिलकर
मैंने जिससे हर लम्हा मिलने की ख्वाहिश की, राह चलते अचानक एक दिन वो मुझे मिल गया। आंखों ने किया सिकवा , होंठ मगर चुप ही रहे। ना चाहते हुए भी ये कदम दो पल के लिए रूक गये, सदियों का फासला पल में मिट गया।उसकी आंखों में भी गजब की चमक आ गई, देखकर हमारा मुरझाया दिल खिल गया। जाने क्यूं फिर से वही जज़्बात उमड़ आए, सारा दुःख पल के लिए मिट गया।काश,ये पल ठहर जाते सदा के लिए, बस यही ख्याल आता रहा। हम जिन्हें भूलाने का हर सम्भव प्रयास करते रहे वो लम्हें तस्वीर बनकर एक एक कर आ गये।

©Nilam Agarwalla #तुमसे_मिलकर