संग संग लेखन संगी जिस तरह रसीली होती है, संग संग जिस तरह रस मलाई मीठी होती है, ज़रा सा घुल मिल हमदम ज़िंदगी रसभरी हो गई, मीठा पसंद न था, तेरे संग अब मैं मीठी पूरी हो गई। #restzone #rztask344 #rzलेखकसमूह