वहम था कि मैं उसका साया हुँ हक़ीक़त ने काली छाया बना दिया खता इतनी ही थी कि चलना चाहा था उसकेसाथ पर तक़दीर ने खता को गुनाह बना दिया Nojoto Maya 's shayari