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माँ बहुत याद आती है माँ, जब खुद से बनाकर खाना पड़त

माँ बहुत याद आती है माँ, जब खुद से बनाकर खाना पड़ता है, 
तुझसे थोड़ा सा भी अगर जल जाता था तो खाती नही थी, 
अब तो रोज कच्चा-पका खाना पड़ता है, 
कितनी भोली सी होती ना ये माँ,
सब कुछ सह कर भी चुप रह जाती है, 
बहुत खूबसूरत सा तोहफा दिया है ऊपर वाले ने, 
तू हमेशा साथ रहना मेरी माँ, ज़िन्दगी बहुत आसान सी लगती है। 
"मेरी प्यारी सी माँ"
                                  -Deep love you meri maiya
माँ बहुत याद आती है माँ, जब खुद से बनाकर खाना पड़ता है, 
तुझसे थोड़ा सा भी अगर जल जाता था तो खाती नही थी, 
अब तो रोज कच्चा-पका खाना पड़ता है, 
कितनी भोली सी होती ना ये माँ,
सब कुछ सह कर भी चुप रह जाती है, 
बहुत खूबसूरत सा तोहफा दिया है ऊपर वाले ने, 
तू हमेशा साथ रहना मेरी माँ, ज़िन्दगी बहुत आसान सी लगती है। 
"मेरी प्यारी सी माँ"
                                  -Deep love you meri maiya