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अगर मजबूर हो तुम तो,यहाँ मजबूर हूँ मैं भी। तुम्हा

अगर मजबूर हो तुम तो,यहाँ मजबूर हूँ मैं भी।

तुम्हारी  याद  आने  से, जगा भरपूर  हूँ मैं भी।

तड़पते हो  नहीं तुम ही  अकेले आज दूरी से-

तुम्हारे प्यार  से हरपल,बहुत ही दूर  हूँ मैं भी।
 #मुक्तक #मजबूरियाँ #विश्वासी
अगर मजबूर हो तुम तो,यहाँ मजबूर हूँ मैं भी।

तुम्हारी  याद  आने  से, जगा भरपूर  हूँ मैं भी।

तड़पते हो  नहीं तुम ही  अकेले आज दूरी से-

तुम्हारे प्यार  से हरपल,बहुत ही दूर  हूँ मैं भी।
 #मुक्तक #मजबूरियाँ #विश्वासी