ए अलिफ यादें सारी मेरी भुला दों मुझे अाह्ह तक ना होगी, बस कुछ तस्वीरें मेरी रख दो में ना रहू तो तुम्हे तकलीफ ना होगी. कबा इश्क का हमने आज ओढ रखा है, घुटन महसूस होती है हमारे प्यार में उतनी सर्द ना होगी आलिफ तेरा प्यार मुझे अब उतना नझर नहीं अाता, तेरी कोई गलती नाहीं है मेरे अाँखोमें उतनी सच्चाई ना होगी. तुम्हारी यादों पर में अब कुछ लिखता नहीं, तुम्हे जुदाई मंजूर थी अौर अलफाजोंको शायद बेवफा मंजूर ना होगी गजल हिंदी